Alka

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Monday, 16 March 2015


आप लोगो ने ऐतिहासिक प्राचीन इमारतों और धार्मिक स्थलों पर प्रेमी युगलों को अपना नाम लिखते हुए देखा ही होगा I और शायद किसी ने अपना नाम खुद भी लिखा हो I इस पर रोक लगाने के लोगो जागरूक करने के लिए विज्ञापन भी बनाया गया की ये प्राचीन और ऐतिहासिक इमेराते आपकी भी है हम सबकी है इन्हें गन्दा न करे इस पर किसी भी प्रकार का कोई नाम न लिखे लेकिन इन विज्ञापनों का कुछ ख़ास प्रभाव देखने को नहीं मिला I कोई भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता क्योकि प्यार तो अँधा होता इस पर किसी का बस नहीं चलता और ये कुछ भी करता है I
लेकिन अब इस प्रकार की हरकतों को अस्पतालों की दीवारों पर भी अंजाम दिया जा रहा है यानी प्रेमी युगल अस्पतालों की दीवारों पर भी अपना नाम और आपत्तिजनक शब्द लिखते है और कुछ लड़के अपना फोन नम्बर भी I आप इसका प्रूफ निचे दी गई फोटो में देख सकते है-
कोई भी व्यक्ति अपने घर में जगह-जगह अपना नाम नहीं लिखता फिर ये ऐतिहासिक प्राचीन इमारतों और धार्मिक स्थलों पर लोग अपना नाम या फिर आपत्तिजनक बाते कुयों लिखते है ये भी हमारी ही है बस फर्क इतना है की हम इनमे अपना आशियाना नहीं बसाते जबकि ये हमारे देश की खूबसूरती और शान को बढाती है I
यदि सरकार इस पर कड़ा रुख नहीं अपना सकती तो शायद इस समस्या से दूसरी तरह से निजात पाया जा सकता है – इमारतों पर अन्दर और बहार पेड़ तो लगाये ही जाते है तो क्यु न ये पेड़ वो लोग लगाये जो इमारतों पर नाम लिखने से बाज नहीं आते है और फिर पेड़ के बड़ा होने पर वो अपना इस पर नाम लिख ले I इससे हमारी इमारते साफ़ सुथरी भी रहेंगी और वातावरण भी हरा भरा रहेगा I

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